बुधवार, 29 अप्रैल 2009

क्या परोसूँ?

आज आमंत्रण है, ब्लॉगर दोस्तों के लिए...लेकिन सेहेतका ख्याल रखते हुए भोजन परोसना है...एक बारमे एक विधी...मेरे पूछ्नेपे की, क्या खाना पसंद करेंगे, किसीने जवाब तो दियाही नही...तो चलिए...अब हम जो व्यंजन विधी बता देंगे, उसीपे आपको संतोष कर लेना होगा...!

मेरे साथ समस्या ये होती है,कि, चंद पाश्चात्य व्यंजन, जिनमे नाप तोल बेहद ज़रूरी होता है...जैसे कि केक्स या ब्रेड्स, मै कुछभी नाप तोलके नही बनाती...और जब अगला कोई व्यंजन खाके पूछ लेता है," हमें बताएँ तो कि, ये कैसे बनाया", तो मेरा उत्तर होता है, अव्वल तो झिजक, और फिर," मै इसे एकबार नाप तोलके बनाउंगी, तभी आपको बता सकूँगी..!"

मेरी ददिया समधन मेरे घर आयीं थीं...उन्हें मैंने एक दलियेका हलवा परोसा...उन्होंने घर लौटके अपनी बहूसे उस व्यंजनको लेके बड़ी तारीफें कीं...( अब आप क्या करेंगे मुझे नही पता...!)
अब मेरी समधन जीका का फोन आ गया," आप मुझे उस हलवेकी विधी तो ज़रूर मेल कीजियेगा..मेरे पती और सास दोनोको बेहद पसंद आया.."
"ज़रूर..लेकिन पहले मुझे उसे बनाना होगा...बनाते समय मै हर चीज़ जो उसमे डाली थी, उसका प्रमाण बता सकती हूँ! और सच तो ये है कि, मै हरबार जो उपलब्ध होता है, उसीका इस्तेमाल करती हूँ..तो वही व्यंजन हरबार अलग स्वादका बन जाता है...अब आपको सारे पर्याय के साथ लिख भेजूँगी...!"मैंने कहा....

अगले दिन बनने लगी....उसी मुताबिक साहित्य और फिर विधी बता देती हूँ:

१) एक कटोरी दलिया( इसे आप गर घंटाभर भिगो दें,तो इन्धनकी बचत होगी...३ कटोरी/कप पानीमे भिगो देन...उसी पानीमे जिसमे पकाना हो)

२)आधी कटोरी शेहेद/या १ कटोरी गुड,( गुडकी मात्रा उसके ब्रांड पे मुनहसर रहती है, लेकिन शेहेद्से ज़्यादा लागत होती है.., जिसे ब्लीच ना किया हो)या फिर आपको शुगर फ्री डालना है तो आवश्यकतानुसार वो।

३) २ बड़े चम्मच गायका घी। एक चम्मचभी चलेगा..वैसे,इतनी मात्रामे गायका घी हानीकारक नही होता।

४)गर घरमे सूखे अंजीर, खजूर, खुबानी, या इनमेसे कुछभी,( या कुछभी ना होभी चलेगा....),प्रत्येकी ५/६ की मात्रामे। किशमिश, या मुनक्का,बादाम, काजू, पिस्ते, ( ५/६ प्रत्येकी...भिगोके, छीलके , बारीक कटे हुए)। या गर आप इनकी पावडर बनाके रखते हों,तो वोभी इस्तेमाल हो सकती है...इसमे केलेके तुकडे पड़ सकते हैं।

५)१/२ कप दूध। ना चाहें तो पानीभी चलेगा। कई बार घरमे खजूर, आदिकी बर्फी पड़ी रह जाती है...( ये इसलिए कह रही हूँ, कि आजकल ये मिष्टान बिना चीनीके बनाये जाते है..)।

विधी:

१ )दलियेको प्रेशर कुकर मे डाल, एक सीटीके पश्च्यात, गैस को धीमा कर दें। कमसे कम ४० मिनट पकने दें।
( याद रहे, खाद्य पदार्थ पकनेका परिमाण कुकरकी सीटीकी संख्या नही होती, बल्कि, उससे तो अन्नमेका सत्व भापके ज़रिये बाहर निकल जाता है। इसलिए,एक सीटी बजतेही, कुकरके नीचे गैस धीमा कर देना चाहिए। एक और एहतियात; जबतक कुकरमेसे भाप बाहर नही आने लगती, उसपे सीटी ना लगायें...और कुकरके ढक्कन को हमेशा गीला करके फिर कुकर बंद करें। )

२) कुकर खुलतेही उसमे अन्य सारे पदार्थ मिला दें। कुछ देर कड़छी चलायें।

३) जिस किसी तश्तरी या कटोरेमे परोसना हो, उसपे सजानेके लिए, पिस्ते और बादामके चंद टुकड़े डाल दें।

अब गर आपको ये व्यंजन ना पसंद आए तो गलती आपकी...आपकी ज़बानके चोंचलों की ...(!) हमने तो आपकी सहेत का ख़याल किया...!

इसी दलियेसे आप नमकीन खिचडी भी बना सकते हैं...!

गर घरमे अतिरिक्त दूध जमा हो जाय और आपको पता चले कि, चंद घंटोंमे दूसरे शेहेर जाना है, आप कढाई मे दूध कढा के रख लें। ये बादमे आप खीर आदिमे इस्तेमाल कर सकते हैं।

5 टिप्‍पणियां:

  1. मैंने जो आपके हाथ का बना व्यंजन खाया था जिसमें दो ब्रेड चिपकाए हुए थे और उसके भीतर पनीर और तमाम प्यार भरा था मुझे नहीं पता उसका क्या नाम है। सच तो ये है कि मेरे लिये पेट एक कबाड़खाने की तरह है जिसमें कुछ भी खाद्य(सुस्वादु या कैसा भी) येन केन प्रकारेण भर कर शरीर की गाड़ी चलानी होती है। अकेला आदमी होने पर क्या सबके साथ ऐसा होता है कि जीभ "बाईपास" हो जाए बनाने का झंझट करने से बचने के लिये। सच तो ये है कि मैं बाकी बचे दो टुकड़े जेब में भर लेना चाहता था लेकिन शायद आप कहती कि पहली मुलाकात में ही..... भुक्खड़ कहीं के :)भागो मेरे घर से इसलिये थोड़ा डर कर ऐसा नहीं करा और ऐसा न करने पर रास्ते भर हाथ मलता रहा कि अब पता नहीं कब आपके हाथ का बना कुछ खाने को मिलेगा।

    जवाब देंहटाएं
  2. ab soch raha hoon kha hee loon bana kar .healthy bhee hai maamla . sirf ye batayen ki yeh kitne logon ke liye paryapt hoga . ya akela hee khana hoga .agar bach jaye to kya frij me surakkchit rakha ja sakta hai ?

    जवाब देंहटाएं
  3. main pareshaan thi ki daliye ko kaise swadisht aur paushtik banaoon .....dhnyavaad ab mera beta rudra chaav se daliya khaayega iska mujhe vishvaas hai

    जवाब देंहटाएं
  4. paridhan me to mujhe aamantran hee naheen hai . socha ki yaheen kuch man bhar jaye !

    जवाब देंहटाएं